युवाओं में नींद की कमी बढ़ रही है!
फैक्ट: WHO के अनुसार, 18-25 साल के 60% युवा 6 घंटे से कम सोते हैं, जबकि स्वस्थ शरीर के लिए 7-9 घंटे नींद ज़रूरी है।
क्यों? मोबाइल स्क्रीन टाइम, नाइट शिफ्ट जॉब्स, और तनाव प्रमुख कारण।
Image :- from Pixabay
ब्लू लाइट का जादू-चश्मा
रिसर्च: सोने से 1 घंटे पहले फोन/लैपटॉप इस्तेमाल करने वालों में मेलाटोनिन हार्मोन (नींद हार्मोन) 23% तक कम होता है (NCBI, 2021)।
समाधान: "नाइट मोड" चालू करें या स्क्रीन टाइम कम करें।
Image :- fb-Neha Malik
नींद और मानसिक स्वास्थ्य का कनेक्शन
फैक्ट: नींद पूरी न होने से डिप्रेशन और एंग्जाइटी का खतरा 40% बढ़ जाता है (अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन)।
टिप: रोज़ाना 15 मिनट मेडिटेशन करें, तनाव कम होगा।
Image :- fb-Neha Malik
रात की पार्टी महँगी पड़ रही है
रिसर्च: देर रात जागने वाले युवाओं में मोटापा और डायबिटीज का खतरा 2x है (हार्वर्ड यूनिवर्सिटी)।
कारण: नींद की कमी से कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो मेटाबॉलिज्म को धीमा करता है।
Image :- copilote
झपकी लेना है फायदेमंद
फैक्ट: दोपहर की 20-30 मिनट की झपकी याददाश्त बढ़ाती है और क्रिएटिविटी को 34% तक सुधारती है (NASA स्टडी)।
नियम: शाम 4 बजे के बाद झपकी न लें, नींद डिस्टर्ब होगी।
Image :- copilote
कॉफी का ओवरडोज़
रिसर्च: दिन में 3 कप से ज़्यादा कॉफी पीने वाले युवाओं में नींद डिसऑर्डर 50% अधिक पाया गया (जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन)।
सलाह: शाम 6 बजे के बाद कैफीन अवॉइड करें।
Image :- copilote
FOMO बना दुश्मन
फैक्ट: 68% युवा सोते समय सोशल मीडिया चेक करते हैं, जिससे नींद टूटती है (यूसीएसएफ सर्वे)।
क्यों? नोटिफिकेशन्स दिमाग को एक्टिव रखते हैं।
Image :- google
एक्सरसाइज और नींद का रिश्ता
रिसर्च: रोज़ 30 मिनट वॉक/योग करने वालों की नींद की क्वालिटी 65% बेहतर होती है (स्लीप फाउंडेशन)।
ट्रिक: सुबह या शाम एक्सरसाइज करें, रात को नहीं।
Image :- copilote
गैजेट्स ने छीना स्लीप हाइजीन
फैक्ट: बिस्तर पर फोन ले जाने वाले युवाओं को सोने में औसतन 40 मिनट ज़्यादा लगते हैं (इंडियन जर्नल ऑफ स्लीप मेडिसिन)।
समाधान: बेडरूम को "टेक-फ्री जोन" बनाएँ।
Image :- GreenLana from Pixabay
नींद बचाने के टिप्स
रोज़ एक ही समय पर सोएँ-जागें।
सोने से पहले गर्म पानी से नहाएँ (तापमान नींद लाने में मदद करता है)।
पढ़ें या संगीत सुनें – स्क्रीन नहीं