भोजपुरी सिनेमा का सफर
भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत 1963 में फिल्म गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो से हुई। यह फिल्म दर्शकों के दिलों में बस गई और इस सिनेमा का सफर शुरू हुआ।
1970-80 का दशक इस दौर में भोजपुरी सिनेमा में धार्मिक और सामाजिक कहानियों का बोलबाला था। बिदेसिया और धरती मैया जैसी फिल्में सुपरहिट हुईं।
1990 का दशक इस समय भोजपुरी सिनेमा में गिरावट आई। बॉलीवुड और टेलीविजन का प्रभाव बढ़ने से भोजपुरी फिल्में कम बनने लगीं।
2000 का दशक, इस दौर में भोजपुरी सिनेमा ने दोबारा उड़ान भरी। मनोज तिवारी और रवि किशन जैसे अभिनेताओं की फिल्में सुपरहिट हुईं।
अब भोजपुरी सिनेमा में आधुनिक तकनीक का उपयोग हो रहा है। बड़े बजट की फिल्में बनने लगी हैं, और गाने इंटरनेट पर ट्रेंड करने लगे हैं।
ससुरा बड़ा पैसा वाला, देवरा बड़ा सतावेला और निरहुआ हिंदुस्तानी जैसी फिल्में भोजपुरी इंडस्ट्री में नया जोश लेकर आईं।
दिनेश लाल यादव (निरहुआ), पवन सिंह, खेसारी लाल यादव और आम्रपाली दुबे जैसे कलाकारों ने भोजपुरी सिनेमा को नई ऊँचाई दी है।
अब भोजपुरी सिनेमा यूट्यूब, ओटीटी और म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है, जिससे इसकी पहुँच और बढ़ गई है।
भोजपुरी सिनेमा ने अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन आज यह लाखों लोगों का मनोरंजन कर रहा है और तेजी से बढ़ रहा है। Open