एलर्जी क्या है?
एलर्जी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का अतिसक्रिय होना है, जो धूल, पराग, या खाद्य पदार्थों जैसे सामान्य तत्वों को खतरनाक समझकर प्रतिक्रिया देती है। इस प्रतिक्रिया में शरीर में हिस्टामीन नामक रसायन का स्राव होता है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 20-30% लोग किसी-न-किसी एलर्जी से पीड़ित हैं । मौसम बदलने पर यह समस्या बढ़ जाती है, खासकर सूखे मौसम में।
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एलर्जी के लक्षण
नाक और आंखों से संबंधित: लगातार छीकना, नाक बहना, सूखी या बंद नाक, आंखों में जलन और सूजन।
त्वचा पर प्रभाव: चकत्ते, खुजली, लालिमा और सूजन।
श्वसन संबंधी: सांस लेने में कठिनाई, खांसी और भारीपन का एहसास।
अन्य लक्षण: कुछ मामलों में शारीरिक थकान और तीव्र असुविधा।
नोट: एलर्जी और सर्दी में अंतर: एलर्जी में बुखार नहीं आता, लेकिन खुजली अधिक होती है
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WHO क्या सलाह देता है
जन्म के बाद पहले 6 महीने तक केवल माँ का दूध—एलर्जी का जोखिम कम करता है।
घर में धूम्रपान से बचें और बच्चों को पास न रखें।
गंभीर या आवर्ती एलर्जी में इम्यूनोथेरेपी (एलर्जी शॉट्स) पर विचार करें।
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एलर्जी से बचाव और सावधानियाँ
एलर्जन की पहचान: सबसे पहले यह जान लें कि आपको किस चीज से एलर्जी है।
सफाई बनाए रखें: घर और कार्यालय में नियमित सफाई करें, खासकर सूखे मौसम में धूल जमा न होने दें।
एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल: इन दिनों एचईपीए फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर उपयोगी हो सकते हैं।
मौसम की जानकारी: बाहर जाने से पहले पराग कण (पोलन) स्तर की जानकारी प्राप्त करें।
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एलर्जी वालों की जीवनशैली
पालतू जानवर: उन्हें बेडरूम से दूर रखें, नहलाने की आदत डालें।
घर की सफाई: नियमित झाड़-पोंछ और धूल हटाने से एलर्जन के संपर्क को कम करें।
सफाई: गद्दे, तकिए को नियमित धोएं। धूल वाली जगहों से दूर रहें।
तनाव प्रबंधन: तनाव एलर्जी को बढ़ा सकता है, योग और ध्यान लाभदायक है।
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खाने में इनसे परहेज
दूध और डेयरी उत्पाद: कफ बढ़ाते हैं।
प्रोसेस्ड फूड: प्रिजर्वेटिव्स एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं।
मूंगफली और शेलफिश: गंभीर एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
सुझाव: विटामिन-C युक्त आहार (नींबू, संतरा) प्रतिरक्षा बढ़ाता है।
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मेडिकल इलाज
एंटीहिस्टामाइन दवाएं: सेट्रिज़िन या लोरैटाडिन लक्षण कम करती हैं।
नाक के स्प्रे: नेज़ल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स सूजन घटाते हैं।
इम्यूनोथेरेपी: गंभीर मामलों में एलर्जी शॉट्स दी जाती हैं।
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भारत में एलर्जी के हॉटस्पॉट
दिल्ली-एनसीआर: प्रदूषण और धूल के कारण सबसे अधिक मामले।
मुंबई और चेन्नई: नमी और फफूंदी से एलर्जी।
ग्रामीण इलाके: कृषि कार्यों के दौरान पराग एलर्जी आम।
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निष्कर्ष
एलर्जी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन सजगता और उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है। घरेलू नुस्खों के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें। याद रखें: "सावधानी इलाज से बेहतर है!"
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