
Akshara Singh और उनके पिता पर बेगूसराय कोर्ट ने जारी किया समन
भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह और उनके पिता को बेगूसराय कोर्ट का समन: पूरा मामला
बेगूसराय कोर्ट ने भोजपुरी अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह तथा उनके पिता विपिन सिंह के खिलाफ समन जारी किया है। दोनों पर आपराधिक विश्वासघात और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। कोर्ट ने दोनों को 24 अप्रैल 2025 को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला एक कार्यक्रम में अनुबंध का उल्लंघन करने से जुड़ा है, जिसमें अक्षरा सिंह को आरोप है कि उन्होंने तय समय से कम प्रदर्शन किया था।
कोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान और लगाए गए आरोप
बेगूसराय जिला न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ओम प्रकाश ने इस मामले में गंभीर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने अक्षरा सिंह और उनके पिता विपिन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 427 (संपत्ति को क्षति पहुंचाना) और धारा 34 (साझा आपराधिक मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं के तहत दोनों पर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है, जिससे मामले की गंभीरता का पता चलता है।
न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश ने परिवाद पत्र संख्या 2006/2023 की सुनवाई करते हुए यह कार्रवाई की है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, अक्षरा सिंह और विपिन सिंह को 24 अप्रैल 2025 को न्यायालय में उपस्थित होना अनिवार्य है। यह आदेश 19 अप्रैल 2025 को सुनाया गया, जिसके बाद दोनों पर कानूनी कार्रवाई तेज हो गई है।
मामले की पूरी जानकारी - क्या है विवाद?
यह विवाद एक संगीत कार्यक्रम से जुड़ा है जो पिछले साल अक्टूबर 2023 में आयोजित किया गया था। बेगूसराय जिले के बछवारा थाना क्षेत्र के अहियापुर निवासी लोकगायक और कार्यक्रम आयोजक शिवेश मिश्रा ने अक्षरा सिंह और उनके पिता के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया था। शिवेश मिश्रा के अनुसार, उन्होंने समस्तीपुर जिले में 24 अक्टूबर 2023 को एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया था।
शिवेश मिश्रा ने अक्षरा सिंह को 5 लाख 51 हजार रुपये का भुगतान करके 3 घंटे के परफॉर्मेंस के लिए आमंत्रित किया था। अनुबंध के अनुसार, अक्षरा सिंह को रात 10 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना था और तीन घंटे का प्रदर्शन करना था। लेकिन आरोप है कि अक्षरा सिंह रात साढ़े बारह बजे (देरी से) कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं और मात्र आधा घंटा परफॉर्म करने के बाद गुस्से में माइक पटककर वहां से चली गईं।
पिता विपिन सिंह की भूमिका और कोर्ट द्वारा समन
अक्षरा सिंह के साथ-साथ उनके पिता विपिन सिंह को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में विपिन सिंह को अक्षरा का मैनेजर भी बताया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि विपिन सिंह ने अपनी बेटी अक्षरा सिंह के कार्यक्रमों की बुकिंग और पैसों के लेन-देन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कोर्ट ने धारा 34 IPC के तहत दोनों के खिलाफ साझा आपराधिक मंशा का आरोप लगाया है, जिसका अर्थ है कि दोनों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। शिवेश मिश्रा के वकील ने दावा किया है कि अक्षरा सिंह और उनके पिता ने न केवल अनुबंध का उल्लंघन किया, बल्कि आयोजक और दर्शकों के साथ धोखा भी किया।
शिवेश मिश्रा ने क्या आरोप लगाए हैं
शिवेश मिश्रा ने अक्षरा सिंह और उनके पिता विपिन सिंह पर निम्नलिखित आरोप लगाए हैं:
1. शिवेश मिश्रा ने समस्तीपुर जिले के सिंघिया में 24 अक्टूबर 2023 को एक दुर्गा पूजा समिति के कार्यक्रम के लिए अक्षरा सिंह को 5 लाख 51 हजार रुपये देकर 3 घंटे का प्रदर्शन करने के लिए बुक किया था।
2. अक्षरा सिंह निर्धारित समय यानी रात 10 बजे कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचीं, बल्कि साढ़े बारह बजे पहुंचीं।
3. उन्होंने केवल आधे घंटे का प्रदर्शन किया और फिर गुस्से में माइक पटककर मंच छोड़ दिया।
4. कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने अक्षरा सिंह पर पैसे फेंके, जिससे वे नाराज हो गईं और कार्यक्रम छोड़कर चली गईं।
5. शिवेश मिश्रा ने कई बार अनुरोध किया कि अक्षरा सिंह कार्यक्रम पूरा करें, लेकिन उन्होंने नहीं माना।
6. उन्होंने 5 लाख 51 हजार रुपये की रकम वापस नहीं की, जबकि कार्यक्रम पूरा नहीं किया गया।
7. शिवेश मिश्रा ने आरोप लगाया है कि अक्षरा सिंह और उनके पिता ने अनुबंध का उल्लंघन किया और धोखाधड़ी की है, जिससे उन्हें आर्थिक और प्रतिष्ठात्मक नुकसान हुआ है।
8. इसके आधार पर उन्होंने बेगूसराय कोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 406 (आपराधिक विश्वासघात), 427 (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) और 34 (साझा आपराधिक मंशा) के तहत मामला दर्ज कराया है।
कोर्ट की हालिया कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
बेगूसराय कोर्ट ने 19 अप्रैल 2025 को इस मामले में आदेश पारित किया और दोनों को 24 अप्रैल 2025 को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया। अभी तक इस मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। 24 अप्रैल को अक्षरा सिंह और विपिन सिंह की पेशी के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई होगी।
अगर दोनों आरोपी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है। धारा 406 के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है, जबकि धारा 427 के तहत दो साल तक की सजा हो सकती है।
अक्षरा सिंह कौन हैं?
क्या कहते हैं कानूनी विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के मामले में अदालत दोनों पक्षों के तर्कों और सबूतों को सुनने के बाद ही फैसला सुनाती है। इस मामले में, न्यायाधीश को यह तय करना होगा कि क्या अक्षरा सिंह और उनके पिता ने जानबूझकर अनुबंध का उल्लंघन किया और क्या इससे आयोजक को आर्थिक और प्रतिष्ठा संबंधी नुकसान हुआ।
अगर अक्षरा सिंह और उनके पिता दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें न केवल कानूनी सजा का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि वे शिवेश मिश्रा को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए भी जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं।
भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह और उनके पिता विपिन सिंह के खिलाफ बेगूसराय कोर्ट द्वारा जारी किया गया समन फिल्म और संगीत उद्योग में अनुबंध के महत्व को रेखांकित करता है। यह मामला दर्शाता है कि कलाकारों को अपने व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए। 24 अप्रैल 2025 को दोनों की कोर्ट में पेशी के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी और तब तक सभी की नजरें इस केस पर बनी रहेंगी।
हालांकि, यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अभी तक दोनों पक्षों के बयान और सबूतों की जांच पूरी नहीं हुई है। न्याय प्रक्रिया के अनुसार, दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा और उसके बाद ही अदालत कोई निर्णय लेगी।
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