
Bihar Diwas 2025: इतिहास, महत्व, और इस वर्ष की तैयारियां
जानिए इस राज्य की गौरवशाली इतिहास – यहाँ
22 मार्च 2025 को पटना में धूम धाम से मनाया जाये गए बिहार दिवस
परिचय
बिहार दिवस, जिसे बिहार स्थापना दिवस के नाम से भी जाना जाता है, हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन बिहार राज्य के गठन की स्मृति में मनाया जाता है, जो 22 मार्च 1912 को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बना था। बिहार दिवस न केवल राज्य के गठन का उत्सव है, बल्कि बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और प्रगति का भी प्रतीक है।
बिहार दिवस का इतिहास
बिहार का इतिहास बहुत प्राचीन और गौरवशाली रहा है। प्राचीन काल में यह मगध साम्राज्य का केंद्र था, जिसने मौर्य और गुप्त साम्राज्यों के दौरान भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, आधुनिक बिहार का गठन 22 मार्च 1912 को हुआ, जब ब्रिटिश सरकार ने बंगाल प्रेसिडेंसी से बिहार और उड़ीसा को अलग कर एक नया प्रांत बनाया। बाद में, 1936 में उड़ीसा को अलग राज्य का दर्जा मिला और 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर एक नया राज्य बनाया गया।
बिहार दिवस को औपचारिक रूप से मनाने की शुरुआत 2010 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। इसका उद्देश्य बिहार के लोगों को उनके राज्य के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से जोड़ना था। तब से यह दिन हर साल 22 मार्च को धूमधाम से मनाया जाता है।
बिहार दिवस का महत्व
बिहार दिवस का महत्व कई मायनों में है। यह दिन बिहार के लोगों के लिए गर्व और एकता का प्रतीक है। इसके प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं:
- राज्य की पहचान और गौरव: यह दिन बिहारवासियों को उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान से जोड़ता है और उन्हें अपने राज्य पर गर्व करने का अवसर देता है।
- सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन: बिहार की लोक कला, संगीत, नृत्य और परंपराओं को इस दिन प्रदर्शित किया जाता है, जो राज्य की समृद्ध संस्कृति को उजागर करता है।
- विकास पर चर्चा का मंच: यह दिन राज्य की प्रगति और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे भविष्य की योजनाएं बनाई जा सकती हैं।
- सामाजिक एकता: विभिन्न समुदायों के लोग इस दिन एक साथ भाग लेते हैं, जिससे सामाजिक एकता और भाईचारा मजबूत होता है।
बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है?
बिहार दिवस मनाने के पीछे कई कारण हैं, जो इसे खास बनाते हैं:
- राज्य के गठन की स्मृति: यह दिन 22 मार्च 1912 को बिहार के गठन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।
- भारत में योगदान का सम्मान: बिहार ने प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक भारत के इतिहास, शिक्षा, और संस्कृति में बड़ा योगदान दिया है। यह दिन उस योगदान को याद करने का अवसर है।
- प्रगति का प्रदर्शन: बिहार की उपलब्धियों और विकास को जनता के सामने लाने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है।
- एकता और जागरूकता: यह दिन लोगों को एकजुट करता है और उन्हें अपने राज्य के प्रति जागरूक और गौरवान्वित करता है।
बिहार दिवस कब से मनाया जाता है?
बिहार दिवस को औपचारिक रूप से मनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी पहल की थी ताकि बिहार के लोग अपने राज्य के इतिहास और संस्कृति से जुड़ सकें। तब से हर साल 22 मार्च को यह दिन मनाया जाता रहा है। हालांकि, कुछ अपवाद रहे हैं, जैसे:
- 2019: लोकसभा चुनाव के कारण इसे स्थगित किया गया।
- 2020 और 2021: कोविड-19 महामारी के चलते बड़े आयोजन नहीं हो सके।
फिर भी, सामान्य परिस्थितियों में यह दिन पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।
बिहार दिवस 2025: सरकारी तैयारियां और कार्यक्रम
इस बार, 2025 में बिहार दिवस का आयोजन विशेष रूप से भव्य होगा, क्योंकि यह बिहार के गठन के 113 साल पूरे होने का प्रतीक है। इस वर्ष की थीम "उन्नत बिहार, विकसित बिहार" रखी गई है, जो राज्य की प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर को केंद्र में रखती है। सरकार ने इसे यादगार बनाने के लिए कई तैयारियां की हैं।
सरकारी तैयारियां
- थीम आधारित आयोजन: इस साल के कार्यक्रम "उन्नत बिहार, विकसित बिहार" थीम पर केंद्रित होंगे, जिसमें विकास और प्रगति पर जोर दिया जाएगा।
- सांस्कृतिक प्रदर्शन: स्थानीय और राष्ट्रीय कलाकार लोक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत करेंगे।
- प्रदर्शनियां: बिहार के इतिहास, कला और शिल्प की प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।
- चर्चा और सेमिनार: सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा होगी।
- ऐतिहासिक स्थलों पर आयोजन: नालंदा, राजगीर और बोध गया जैसे स्थानों पर विशेष कार्यक्रम होंगे।
दिन-वार कार्यक्रम (संभावित)
- 22 मार्च 2025:
- मुख्य समारोह पटना में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री और गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी होगी।
- सांस्कृतिक परेड, प्रदर्शनियां और लोक प्रदर्शन आयोजित होंगे।
- 23 मार्च 2025:
- राज्य के सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम होंगे।
- स्थानीय कलाकारों और समुदायों की भागीदारी होगी।
- 24 मार्च 2025:
- युवाओं और छात्रों के लिए विशेष आयोजन, जैसे क्विज़, खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं।
विशेष आयोजन
- पटना जू में मुफ्त प्रवेश: स्कूली बच्चों के लिए तीन दिनों तक मुफ्त प्रवेश।
- लेजर शो: पटना के मंगलतालाब, बोधगया, राजगीर और वैशाली में लेजर शो।
- पर्यटन स्थलों का भ्रमण: नालंदा, राजगीर और बोधगया के स्कूली बच्चों के लिए भ्रमण।
- जीविका व्यंजन मेला: जीविका समूह द्वारा व्यंजन मेला और उत्पाद प्रदर्शनी।
बिहार दिवस की शुभकामनाएं!
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