
Neha Shri: भोजपुरी सिनेमा से समाजसेवा तक की प्रेरणादायक यात्रा
नेहा श्री: भोजपुरी सिनेमा की चमकती सितारा
नेहा श्री, जिन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक जाना-माना नाम माना जाता है, एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा के दम पर क्षेत्रीय सिनेमा में अपनी खास जगह बनाई है। अभिनेत्री, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी पहचान केवल फिल्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे अपने सामाजिक कार्यों और व्यक्तिगत मूल्यों के लिए भी जानी जाती हैं।
जन्म और शुरुआती जीवन
नेहा श्री का जन्म 16 सितंबर 1989 को भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ था। उनका पूरा नाम नेहा श्री सिंह है, जो उनके परिवार की सादगी और संस्कारों को दर्शाता है। नेहा एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं, और उनका बचपन ज्यादातर राजस्थान में बीता। यह वही जगह है जहां से उनकी जड़ें जुड़ी हैं, और जहां उन्होंने अपने सपनों को पंख देने की शुरुआत की।
बचपन से ही नेहा को अभिनय का शौक था। घर में टीवी पर आने वाले शो और फिल्में उनकी पहली पाठशाला बनीं। वे घंटों टीवी के सामने बैठकर किरदारों को देखतीं, उनके हाव-भाव को समझतीं और मन ही मन अभिनय की बारीकियां सीखती थीं। परिवार में उनके इस शौक को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहन भी मिला, जो आगे चलकर उनके करियर का आधार बना। उनके पिता का नाम गुरुदेव सिंह है, जो उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण प्रभाव रहे। हालांकि, उनकी मां और भाई-बहनों के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है
करियर की शुरुआत: पहला कदम
नेहा ने अपने करियर की शुरुआत एक गायिका के रूप में की थी। दिल्ली में स्थित एंगल म्यूजिक वीडियो (प्राइवेट) लिमिटेड नाम के एक डिजिटल रिकॉर्डिंग स्टूडियो में उन्होंने अपने गायन के हुनर को आजमाया। यह उनके लिए एक नया अनुभव था, लेकिन उनका असली सपना अभिनय ही था। गायन से मिली पहचान ने उन्हें आत्मविश्वास दिया, और जल्द ही वे फिल्मों की दुनिया में कदम रखने को तैयार हो गईं।
साल 2005 में नेहा ने राजस्थानी सिनेमा में अपनी शुरुआत की। उनकी पहली फिल्म थी "संयोगिता", जिसमें उन्होंने एक छोटी-सी भूमिका निभाई। यह किरदार भले ही बड़ा न था, लेकिन उनके लिए यह एक सुनहरा मौका था। इस फिल्म ने उन्हें सेट पर काम करने का अनुभव दिया और अभिनय के प्रति उनकी चाहत को और मजबूत किया।
भोजपुरी सिनेमा में धमाकेदार एंट्री
नेहा श्री का असली सफर शुरू हुआ साल 2011 में, जब उन्होंने भोजपुरी फिल्म "साजन चले ससुराल" से इस इंडस्ट्री में कदम रखा। इस फिल्म में उनके हीरो थे भोजपुरी के मशहूर अभिनेता खेसारी लाल यादव। यह फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई, और नेहा की सादगी भरी अदाकारी ने लोगों का दिल जीत लिया। उसी साल, उन्होंने एक और फिल्म की - राजस्थानी सिनेमा में "माटी का लाल मीणा गुर्जर"। दो अलग-अलग क्षेत्रीय सिनेमाओं में एक ही साल में काम करना उनके टैलेंट और मेहनत का सबूत था।
साल 2012 में नेहा ने भोजपुरी फिल्म "सजना मंगिया सजाई दा हमार" में अभिनेता अरविंद अकेला (कल्लू) के साथ काम किया। इस फिल्म ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन नेहा को असली पहचान मिली फिल्म "त्रिदेव" से, जिसमें उनके को-स्टार थे भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया और नेहा को भोजपुरी सिनेमा की नई सनसनी बना दिया। पवन सिंह के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया, और यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई।
हिट फिल्मों की चमक
नेहा श्री ने इसके बाद एक के बाद एक हिट फिल्में दीं, जिन्होंने उन्हें भोजपुरी सिनेमा की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल कर दिया। उनकी कुछ सुपरहिट फिल्मों की लिस्ट इस प्रकार है:
"त्रिदेव" (2016) - एक एक्शन और ड्रामा से भरपूर फिल्म।
"सुगना 2" (2017) - इस सीक्वल ने दर्शकों को खूब लुभाया।
"योद्धा अर्जुन पंडित" (2017) - इसमें नेहा की दमदार एक्टिंग ने सबको चौंकाया।
"एक्शन राजा" (2017) - एक्शन और रोमांस का शानदार मिश्रण।
"मोहब्बत मिठ लगेला" (2018) - एक रोमांटिक फिल्म जो हिट रही।
"लाडला" (2018) - इस फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया।
इन फिल्मों ने न सिर्फ नेहा की लोकप्रियता बढ़ाई, बल्कि उन्हें भोजपुरी सिनेमा की "रानी" कहलाने का मौका भी दिया। उनकी एक्टिंग में एक खास बात थी - सादगी के साथ-साथ भावनाओं को पर्दे पर जीवंत करना।
निर्माता बनने का सफर
नेहा श्री ने सिर्फ अभिनय तक खुद को सीमित नहीं रखा। साल 2017 में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, जिसका नाम है नेहा श्री एंटरटेनमेंट। इस कंपनी के तहत उनकी पहली फिल्म थी "चना जोर गरम", जो एक कॉमेडी फिल्म थी। जिसके लिए उन्हें 'बेस्ट प्रोड्यूसर अवार्ड' मिला. निर्माता बनना उनके लिए एक बड़ा कदम था, क्योंकि इसमें न सिर्फ क्रिएटिविटी की जरूरत थी, बल्कि बिजनेस की समझ भी चाहिए थी। इस कदम से उन्होंने साबित किया कि वे न सिर्फ एक्टिंग, बल्कि फिल्ममेकिंग में भी माहिर हैं।
हिंदी सिनेमा में कदम
नेहा की महत्वाकांक्षा उन्हें क्षेत्रीय सिनेमा से आगे ले गई। साल 2019 में उन्होंने हिंदी फिल्म "मिस्टर मजनू" में काम किया। और 2021 में "राधे" (सलमान खान के साथ) में भी नजर आईं . यह फिल्म उनके लिए एक नया मंच थी, जिसके जरिए उन्होंने बॉलीवुड में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में योगदान
नेहा श्री सिर्फ एक अभिनेत्री या निर्माता ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं। वे भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम करती हैं। महिलाओं के अधिकारों और उनकी बेहतरी के लिए उनकी आवाज ने कई लोगों को प्रेरित किया है। साल 2013 में दिल्ली के संविधान क्लब में हुए भोजपुरी पंचायत सम्मान समारोह में उन्हें दामिनी वीरांगना सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उनके सामाजिक कार्यों और महिलाओं के लिए उनकी लड़ाई का सम्मान था।
व्यक्तिगत जीवन और रुचियां
नेहा अपने निजी जीवन को लेकर बहुत कम बात करती हैं। उनके पिता गुरुदेव सिंह के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी सार्वजनिक नहीं है। वे अपनी जिंदगी को प्राइवेट रखना पसंद करती हैं, जो उनकी सादगी को दर्शाता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो उनके फैंस को पता हैं।
नेहा एक फिटनेस उत्साही हैं। वे नियमित रूप से जिम जाती हैं और अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखती हैं। सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम, पर उनकी एक्टिविटी से यह साफ झलकता है। उनके लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनकी हर पोस्ट पर प्यार लुटाते हैं।
नेहा आध्यात्मिक भी हैं और शिरडी साईं बाबा की भक्त हैं। उनकी यह आस्था उनके जीवन में संतुलन और शांति लाती है, जो उनके व्यक्तित्व का एक खूबसूरत पहलू है।
एक रोचक बात यह भी है कि नेहा अपने को-स्टार खेसारी लाल यादव को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती हैं। दोनों की दोस्ती ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन दोनों जगह शानदार है, जो उनकी केमिस्ट्री को और मजबूत करती है।
पुरस्कार और उपलब्धियाँ

2013: दामिनी वीरांगना सम्मान (महिला सशक्तिकरण के लिए)।
2019: बेस्ट प्रोड्यूसर अवार्ड ("चना जोर गरम" के लिए)।
2021: स्मृति उत्कृष्ट नायक अवार्ड (राजस्थान सरकार द्वारा)
आज की नेहा श्री: नई मंजिलों की तलाश
2025 तक नेहा ने 30+ फिल्मों में काम किया है और अपनी प्रोडक्शन कंपनी के जरिए नए कलाकारों को मौका दे रही हैं। वह मिर्जापुर 3 जैसे वेब प्रोजेक्ट्स में भी दिख चुकी हैं । उनकी आगामी फिल्म "रानी की हुकूमत" और "पुदीना" के प्रोडक्शन की तैयारियाँ चल रही हैं ।
जीवन दर्शन: सादगी और समर्पण
नेहा का मानना है कि "कला और संस्कृति समाज को बदल सकते हैं।" उनकी जिंदगी की कहानी संघर्ष, जुनून और सामाजिक जिम्मेदारी का अनूठा मिश्रण है। आज भी वह राजस्थान की मिट्टी से जुड़ी हुई हैं और कहती हैं, "मेरी असली पहचान मेरे काम से है, न कि स्टारडम से।"
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