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Rani Chatterjee of Bhojpuri Queen, Film Career and Politics

रानी चटर्जी: भोजपुरी सिनेमा की अदाकारा का संघर्ष और सफलता का सफर


लेखक: [सागर]
तारीख: 8 फरवरी 2025

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा


रानी चटर्जी का जन्म 3 नवंबर 1989 को मुंबई, महाराष्ट्र के एक मुस्लिम परिवार में सबीहा शेख के नाम से हुआ था । उनके पिता का नाम ज्ञात नहीं है, लेकिन माता गुलज़ार शेख और भाई समीर शेख के साथ उनका बचपन मुंबई के वसई इलाके में बीता। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा तुंगारेश्वर अकादमी हाई स्कूल से पूरी की और मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक किया । बचपन से ही उन्हें अभिनय और नृत्य में रुचि थी, और वे स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं ।

नाम बदलने की कहानी: सबीहा से रानी चटर्जी तक

2004 में भोजपुरी फिल्म "ससुरा बड़ा पइसावाला" की शूटिंग के दौरान, निर्देशक अजय सिन्हा ने उन्हें "रानी" नाम दिया। यह नाम फिल्म में उनके किरदार से प्रेरित था। चूंकि फिल्म के कुछ दृश्य मंदिर में शूट होने थे और रानी मुस्लिम थीं, इसलिए नाम बदलकर विवादों से बचने की कोशिश की गई। एक पत्रकार ने गलती से उन्हें "चटर्जी" उपनाम दे दिया, जो बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी की लोकप्रियता से प्रभावित था । इस नाम को उन्होंने अपनी पहचान बना लिया, हालाँकि परिवार को शुरुआत में यह नाम पसंद नहीं आया ।

फिल्मी करियर की शुरुआत: ससुरा बड़ा पइसावाला से स्टारडम तक

2003 में, मात्र 14 साल की उम्र में, रानी को पहली फिल्म "ससुरा बड़ा पइसावाला" (2004) का ऑफर मिला, जिसमें उन्होंने मनोज तिवारी के साथ मुख्य भूमिका निभाई। यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा की सबसे बड़ी हिट में से एक बनी और उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया । दिलचस्प बात यह है कि रानी को शुरुआत में भोजपुरी भाषा नहीं आती थी, लेकिन शूटिंग के दौरान उन्होंने इसे सीखा । इसके बाद, देवरा बड़ा सतावेला (2010), नागिन (2013), और रानी नंबर 786 (2013) जैसी फिल्मों ने उन्हें "भोजपुरी सिनेमा की रानी" की उपाधि दिलाई ।

पुरस्कार और उपलब्धियाँ

  • 2013: नागिन के लिए 6वें भोजपुरी फिल्म अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री ।
  • 2017: दादा साहेब फाल्के फाउंडेशन अवार्ड ।
  • 2023: सोशल मीडिया क्वीन का खिताब ।
  • 470+ फिल्मों में अभिनय और 5-8 लाख प्रति फिल्म की कमाई के साथ वे भोजपुरी सिनेमा की सबसे महंगी अभिनेत्रियों में शुमार हैं ।

विवाद और चुनौतियाँ

  • मीटू आंदोलन: 2022 में, रानी ने फिल्म निर्देशक साजिद खान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि हिम्मतवाला (2013) की ऑडिशन के दौरान साजिद ने उनसे अश्लील सवाल पूछे थे ।
  • सोशल मीडिया ट्रोलिंग: भोजपुरी अभिनेताओं के बारे में टिप्पणी करने पर उन्हें ट्रोल किया गया। उन्होंने कहा था कि वे केसरी लाल यादव या पवन सिंह की फिल्में नहीं देखतीं ।
  • ब्लैकमेल का मामला: 2018 में, एक नकली तांत्रिक ने उन्हें 15 लाख रुपये की मांग करते हुए धमकी दी थी ।

व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक छवि

  • पारिवारिक रिश्ते:
    रानी अपने परिवार के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। वह अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी बड़ी बहन, छोटे भाई और खासकर अपने भतीजों – शाज़ाना और नज़ीहा – के साथ तस्वीरें साझा करती हैं। उनके अनुयायी उनके पारिवारिक मूल्यों और सादगी की भी सराहना करते हैं।
  • सोशल मीडिया पर लोकप्रियता:
    रानी चटर्जी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। उनके इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोवर्स हैं, जो उनके ग्लैमरस लुक्स, फैशन सेंस और डांस रूटीन की तारीफ करते रहते हैं। उनकी यह लोकप्रियता उन्हें भोजपुरी सिनेमा की “क्वीन” के रूप में स्थापित करती है।
  • राजनीतिक कदम:
    जनवरी 2022 में रानी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में कदम रखा, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं।

टीवी, वेब सीरीज 

  • रियलिटी शो: खतरों के खिलाड़ी 10 (2020) और कॉमेडी नाइट्स विद कपिल (2013) में भाग लिया ।
  • वेब सीरीज: MX प्लेयर की मस्तराम (2020) और कुकू ऐप की रानी का राजा में अभिनय किया ।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएँ

आज रानी चटर्जी भोजपुरी सिनेमा की सबसे लोकप्रिय और मांग में रहने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं।
  • फिल्म और वेब प्रोजेक्ट्स: वह नियमित रूप से नई फिल्मों और वेब सीरीज में काम कर रही हैं, जिससे उनका करियर लगातार उन्नति की ओर अग्रसर है।
  • टीवी और सोशल मीडिया: टीवी शो और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनकी उपस्थिति भी दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
  • राजनीति में सक्रियता: कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद से वह सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठाने लगी हैं।

सामाजिक कार्य और विरासत

रानी मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, और पशु अधिकारों के लिए काम करती हैं। उन्होंने डिप्रेशन के अपने अनुभव साझा करके लोगों को प्रेरित किया है ।

निष्कर्ष

34 साल की उम्र में, रानी चटर्जी ने भोजपुरी सिनेमा को नई पहचान दी है। उनका सफर एक साधारण लड़की से सुपरस्टार तक का है, जो संघर्ष, हिम्मत और प्रतिभा की मिसाल है। आने वाले समय में वे हिंदी और पंजाबी सिनेमा में भी अपनी छाप छोड़ने की तैयारी में हैं ।
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Written by - Sagar

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2025-02-08 19:19:09

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