
Rinku Ghosh Actress Bio: भोजपुरी की 'ड्रीम गर्ल' की संघर्ष भरी कहानी
रिंकू घोष: भोजपुरी सिनेमा की 'ड्रीम गर्ल' का संघर्ष और सफलता की कहानी
रिंकू घोष, भोजपुरी और हिंदी सिनेमा जगत की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। टेलीविजन से लेकर फिल्मों तक, इन्होंने अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरा है और भोजपुरी सिनेमा में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। आइए जानते हैं उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में, उनके बचपन से लेकर आज तक की यात्रा को।
जन्म और बचपन
रिंकू घोष का जन्म 30 अगस्त 1981 को पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था। उनका परिवार बंगाली मूल का है, लेकिन उनके पिता भारतीय नौसेना में कार्यरत थे। इस वजह से रिंकू का बचपन देश के अलग-अलग हिस्सों में बीता। खास तौर पर, उन्होंने अपना ज्यादातर बचपन केरल में बिताया, क्योंकि उनके पिता की पोस्टिंग वहाँ हुई थी। नौसेना के परिवार में पलने की वजह से उन्हें विभिन्न संस्कृतियों और जीवनशैली को करीब से देखने का मौका मिला।
केरल में रहते हुए, रिंकू ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। हालाँकि, उनकी शिक्षा के बारे में बहुत विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि उनका बचपन अनुभवों से भरा और विविधतापूर्ण रहा। अलग-अलग जगहों पर रहने की वजह से उनकी सोच और व्यक्तित्व में एक खुलापन आया, जो बाद में उनके करियर में भी दिखाई दिया।
मॉडलिंग करियर की शुरुआत
रिंकू घोष ने अपने करियर की शुरुआत ग्लैमर की दुनिया से की। साल 1996 में, जब वह सिर्फ 15 साल की थीं, उन्होंने मिस मुंबई का खिताब अपने नाम किया। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि इतनी कम उम्र में इस तरह का सम्मान मिलना उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है। मॉडलिंग में मिली इस सफलता ने उनके लिए मनोरंजन जगत के दरवाजे खोल दिए। यह वह पहला कदम था, जिसने उन्हें अभिनय की दुनिया की ओर ले गया।
फिल्मी सफर
बंगाली और तेलुगु फिल्मों में पहला कदम
रिंकू घोष ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 2000 में बंगाली फिल्म "जय माँ दुर्गा" से की। इस फिल्म में उन्होंने देबोश्री रॉय, अरुण गोविल और अभिषेक चटर्जी जैसे मशहूर कलाकारों के साथ काम किया। यह फिल्म उनके लिए एक सीखने का मौका थी, और इसने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में पहचान दिलाई। इसके बाद, साल 2001 में, उन्होंने तेलुगु सिनेमा में कदम रखा। उनकी पहली तेलुगु फिल्म थी "रावे ना चलिया", जिसमें उन्होंने साई किरण के साथ मुख्य भूमिका निभाई। इन फिल्मों ने उन्हें क्षेत्रीय सिनेमा में आधार दिया, लेकिन उनकी असली पहचान भोजपुरी सिनेमा से बनी।
भोजपुरी सिनेमा में धमाकेदार एंट्री
साल 2004 में, रिंकू घोष ने भोजपुरी फिल्म "सुहागन बना द सजना हमार" से भोजपुरी सिनेमा में कदम रखा। यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया, और रिंकू रातों-रात भोजपुरी सिनेमा की सनसनी बन गईं। इस फिल्म के बाद, उन्होंने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं। उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्मों में शामिल हैं:
"दारोगा बाबू आई लव यू" (2004) - इस फिल्म ने उन्हें रोमांटिक हीरोइन के रूप में स्थापित किया।
"बिदाई" (2008) - यह फिल्म उनकी सबसे यादगार फिल्मों में से एक है, जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला।
"बलिदान" (2009) - इस फिल्म में उनकी भावनात्मक अभिनय की खूब तारीफ हुई।
"रखवाला" (2013) और "नागिन" (2014) - इन फिल्मों ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दिखाया।
रिंकू की खूबसूरती और अभिनय ने उन्हें भोजपुरी सिनेमा की "ड्रीम गर्ल" का खिताब दिलाया। साल 2010 में, अखबार "द हिंदू" ने उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा डिमांड वाली अभिनेत्री बताया। उनकी फिल्मों में उनका नृत्य, भावुक अभिनय और दर्शकों से जुड़ाव उन्हें सबसे अलग बनाता था।
टेलीविजन में सफलता
रिंकू का टेलीविजन करियर 2007 में सोनी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक "दुर्गेश नंदिनी" से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें टेलीविजन दर्शकों के बीच पहचान दिलाई।
इसके बाद 2008 में, वह कलर्स टीवी पर प्रसारित "मोहे रंग दे" में मुख्य खलनायिका के रूप में नजर आईं। 2009 में, उन्होंने सोनी टीवी के "एक सफर ऐसा कभी सोचा न था" में एक केंद्रीय भूमिका निभाई। 2010 में, वह माहुआ प्लस चैनल पर "इम्तिहान" में भी नजर आईं।
उनकी टेलीविजन यात्रा इस प्रकार रही:
2007: दुर्गेश नंदिनी (सोनी टीवी) - मुख्य भूमिका
2008: मोहे रंग दे (कलर्स टीवी) - मुख्य खलनायिका
2009: एक सफर ऐसा कभी सोचा न था (सोनी टीवी) - केंद्रीय चरित्र
2010: इम्तिहान (माहुआ प्लस) - केंद्रीय चरित्र
2012: धनिया का थाना (अंजन टीवी)
2013: मिसेज़ पम्मी प्यारेलाल (कलर्स टीवी) - मोहिनी फौजदार
2018: बिग मेमसाब (बिग गंगा) - सेलिब्रिटी जज
2021: मेमसाब नंबर 1 (ज़ी गंगा) - सेलिब्रिटी जज
2023: जुनूनियत (कलर्स टीवी) - महीब मेहता
2024: अनोखा बंधन (दंगल टीवी)
फिल्म करियर का विस्तार
2000 से लेकर वर्तमान तक, रिंकू ने हिंदी, भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कई फिल्मों में काम किया है।
उनकी प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं:
भरत भाग्य विधाता (2002)
दरोगा बाबू आई लव यू (2005)
दुर्गेशनंदिनी (2007)
बिदाई (2008)
बलिदान (2009)
सात सहेलियां (2010)
आखरी रास्ता (2011)
पम्मी प्यारेलाल (2013)
छोरा गंगा किनारे वाला (2015)
गंगा जमुना सरस्वती (2017)
रावे ना चेलिया (2021)
पत्रा पेट्रिका (2022)
व्यक्तिगत जीवन
रिंकू घोष का निजी जीवन भी उनकी प्रोफेशनल जिंदगी जितना ही रोचक है। साल 2015 में, उन्होंने अमित दत्ता रॉय से शादी की। शादी के बाद, वह अपने पति के साथ कुछ समय के लिए मस्कट (ओमान) चली गईं। एक इंटरव्यू में, रिंकू ने बताया कि मस्कट में बिताया समय उनके लिए बेहद खास था। वहाँ वह अपने परिवार के साथ पूरी तरह से जुड़ी रहीं और एक सामान्य जिंदगी जी।
शादी के बाद, रिंकू ने अभिनय से करीब 6 साल का ब्रेक लिया। इस दौरान, वह अपने पति और परिवार पर ध्यान देना चाहती थीं। उनके पति ने उन्हें हर कदम पर सपोर्ट किया, जिसके बारे में रिंकू ने कई बार जिक्र किया है। साल 2021 में, वह एक रियलिटी शो के साथ इंडस्ट्री में वापस लौटीं।
रिंकू की शारीरिक विशेषताएँ भी उनकी पहचान का हिस्सा हैं। उनकी लंबाई 5 फीट 6 इंच है, वजन लगभग 60 किलोग्राम है, और उनकी आकृति 36-28-37 है। उनकी भूरी आँखें और काले बाल उनकी खूबसूरती को और बढ़ाते हैं।
हालिया कार्य और वापसी
2021 में, रिंकू ने क्रमशः बिग गंगा चैनल पर "बिग मेमसाब" और ज़ी गंगा पर "मेमसाब नंबर 1" जैसे रियलिटी शो में सेलिब्रिटी जज के रूप में काम किया। यह उनके करियर का एक नया पहलू था, जहां वह एक प्रतिभागी से ज्यादा एक निर्णायक की भूमिका में नजर आईं।
2023 में, उन्होंने कलर्स टीवी के शो "जुनूनियत" में महीब मेहता का किरदार निभाया, और 2024 में वह दंगल टीवी के "अनोखा बंधन" में नजर आईं। यह दर्शाता है कि वह अभी भी सक्रिय रूप से टेलीविजन पर काम कर रही हैं और नए प्रोजेक्ट्स में हिस्सा ले रही हैं।
पुरस्कार और सम्मान
रिंकू घोष की प्रतिभा को कई बार सम्मानित किया गया। साल 2008 में, उन्होंने फिल्म "बिदाई" के लिए चौथे भोजपुरी फिल्म अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। यह उनके करियर का एक सुनहरा पल था। इसके अलावा, उनकी अन्य फिल्मों के लिए भी उन्हें कई सम्मान मिले, जो उनकी मेहनत और लगन का सबूत हैं।
रिंकू घोष के जीवन के कुछ रोचक फैक्ट्स
उनके पिता नौसेना में थे, इसलिए बचपन में केरल समेत कई शहरों में रहीं ।
भोजपुरी फिल्मों में उनकी फीस प्रोजेक्ट के हिसाब से तय होती है ।
उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और मलयालम भाषाएँ आती हैं ।
निष्कर्ष
रिंकू घोष का जीवन और करियर भारतीय मनोरंजन उद्योग में एक सफल यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। केरल में जन्मी, बंगाली मूल की यह अभिनेत्री भोजपुरी, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्मों और टेलीविजन शो में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं।
2000 में बंगाली फिल्म से अपनी शुरुआत करने के बाद, उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में अपना स्थान बनाया और फिर टेलीविजन में भी सफलता प्राप्त की। 2007 में "दुर्गेश नंदिनी" से लेकर 2024 में "अनोखा बंधन" तक, उनका करियर उनकी लगातार सक्रियता और प्रासंगिकता को दर्शाता है।
आज, वह भारतीय मनोरंजन उद्योग में एक स्थापित नाम हैं, जिनकी पहचान एक बहुमुखी अभिनेत्री के रूप में है जो विभिन्न भूमिकाओं और भाषाओं में अपनी प्रतिभा दिखा सकती हैं। उनका जीवन और करियर युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा है और भारतीय सिनेमा में महिलाओं के योगदान का एक उदाहरण है।
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